भारतीय महिला क्रिकेट टीम की युवा सलामी बल्लेबाज, Pratika Rawal, ने आज आयरलैंड के खिलाफ तीसरे वनडे मैच में 154 रनों की धमाकेदार पारी खेलकर इतिहास रच दिया है। राजकोट में खेले गए इस मुकाबले में, 24 वर्षीय प्रतीका ने 129 गेंदों में 20 चौकों और 1 छक्के की मदद से यह शानदार शतक जड़ा।
वनडे करियर की पहली सेंचुरी
यह शतक प्रतीका के वनडे करियर का पहला शतक है, जिसे उन्होंने मात्र 6 पारियों में हासिल किया है। इस पारी के साथ ही, उन्होंने वनडे क्रिकेट में अपने पहले 6 मैचों में सबसे अधिक रन बनाने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। प्रतीका ने 6 पारियों में कुल 444 रन बनाए हैं, जिससे उन्होंने इंग्लैंड की चार्लोट एडवर्ड्स (434 रन) का रिकॉर्ड तोड़ा है।
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स्मृति मंधाना के साथ रिकॉर्ड साझेदारी
प्रतीका रावल और कप्तान स्मृति मंधाना ने मिलकर पहले विकेट के लिए 233 रनों की साझेदारी की, जो भारतीय महिला क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। स्मृति मंधाना ने भी इस मैच में 135 रनों की बेहतरीन पारी खेली। दोनों बल्लेबाजों की इस साझेदारी ने भारतीय टीम को 50 ओवरों में 5 विकेट पर 435 रनों के विशाल स्कोर तक पहुंचाया, जो महिला वनडे क्रिकेट में भारत का अब तक का सर्वोच्च स्कोर है।
प्रतीका रावल की अब तक की उपलब्धियां
- वनडे करियर: 6 मैचों में 444 रन, औसत 74
- सर्वश्रेष्ठ स्कोर: 154 रन
- शतक:
- अर्धशतक: 3
प्रतीका की पारी पर विशेषज्ञों की राय
क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि प्रतीका रावल की यह पारी भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक नया मील का पत्थर साबित होगी। उनकी तकनीक, धैर्य और आक्रामकता का यह संयोजन भविष्य में टीम इंडिया के लिए बेहद फायदेमंद होगा।
आयरलैंड के खिलाफ सीरीज में प्रदर्शन
आयरलैंड के खिलाफ तीन मैचों की इस वनडे सीरीज में, प्रतीका ने क्रमशः 89, 67 और 154 रनों की पारियां खेली हैं, जिससे उन्होंने अपनी स्थिरता और क्षमता का परिचय दिया है। उनकी इस शानदार फॉर्म ने भारतीय टीम को सीरीज में 3-0 से जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
भविष्य की संभावनाएं
प्रतीका रावल की इस पारी ने उन्हें भारतीय क्रिकेट की नई स्टार बना दिया है। उनकी निरंतरता और उच्च स्तर के प्रदर्शन से उम्मीद की जा रही है कि वे आने वाले वर्षों में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की मजबूत स्तंभ बनेंगी।
निष्कर्ष
प्रतीका रावल की यह ऐतिहासिक पारी न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में भी एक सुनहरा अध्याय जोड़ती है। उनकी इस उपलब्धि के लिए उन्हें ढेरों बधाइयां और भविष्य के लिए शुभकामनाए।