15 जनवरी, 2025 को स्पेसएक्स ने केप कैनावेरल से फाल्कन 9 रॉकेट के माध्यम से दो निजी लूनर लैंडर, ‘ब्लू घोस्ट’ और ‘रेजिलिएंस’, को चंद्रमा की ओर सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। ये मिशन नासा के आर्टेमिस कार्यक्रम के तहत भविष्य के मानवयुक्त चंद्र अभियानों के लिए महत्वपूर्ण डेटा और तकनीकी परीक्षण करेंगे।
मिशन का उद्देश्य और महत्व
नासा के कमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेज (CLPS) पहल के अंतर्गत, ये लैंडर चंद्रमा के पर्यावरण का अध्ययन करेंगे और उन तकनीकों का परीक्षण करेंगे जो भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी में सहायक होंगी। नासा की डिप्टी एडमिनिस्ट्रेटर पाम मेलरॉय ने कहा, “यह मिशन नासा के आर्टेमिस अभियान की साहसिक भावना का प्रतीक है, जो वैज्ञानिक अन्वेषण और खोज से प्रेरित है।”
ब्लू घोस्ट लैंडर: फायरफ्लाई एयरोस्पेस का योगदान
टेक्सास स्थित फायरफ्लाई एयरोस्पेस द्वारा निर्मित ‘ब्लू घोस्ट’ लैंडर लगभग 45 दिनों में चंद्रमा के मैरे क्रिसियम बेसिन में उतरेगा। यह लैंडर चंद्र धूल, विद्युत और चुंबकीय क्षेत्रों, और सैटेलाइट नेविगेशन सिग्नलों का अध्ययन करेगा।इसमें नासा द्वारा वित्तपोषित 10 पेलोड शामिल हैं, जो विभिन्न वैज्ञानिक परीक्षण करेंगे।
रेजिलिएंस लैंडर: आईस्पेस की भूमिका
जापान की आईस्पेस कंपनी का ‘रेजिलिएंस’ लैंडर ऊर्जा-कुशल मार्ग का उपयोग करते हुए 4-5 महीनों में चंद्रमा पर पहुंचेगा। यहां यह छह वाणिज्यिक पेलोड तैनात करेगा, जिनमें विकिरण जांच, जल इलेक्ट्रोलिसिस उपकरण, खाद्य उत्पादन प्रयोग, और एक माइक्रो रोवर शामिल हैं, जो चंद्र नमूने एकत्र करेगा। संग्रहित सामग्री नासा की होगी, जिसका उपयोग आर्टेमिस कार्यक्रम में किया जाएगा।
भविष्य की संभावनाएं
दोनों लैंडर चंद्रमा पर एक पूर्ण चंद्र दिवस (लगभग दो सप्ताह) तक अपने अनुसंधान संचालन करेंगे, जिसके बाद चंद्र रात्रि की कठोर परिस्थितियों के कारण उनकी गतिविधियां रुक जाएंगी। नासा इस मिशन को चंद्रमा और मंगल पर निरंतर मानव उपस्थिति स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानता है।
निजी कंपनियों की बढ़ती भूमिका
स्पेसएक्स, फायरफ्लाई एयरोस्पेस, और आईस्पेस जैसी निजी कंपनियों की यह भागीदारी अंतरिक्ष अन्वेषण में एक नई क्रांति का संकेत देती है। इनकी सफलता भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी और चंद्रमा पर वैज्ञानिक अनुसंधान को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
निष्कर्ष
स्पेसएक्स द्वारा दो निजी लैंडरों का चंद्रमा की ओर प्रक्षेपण अंतरिक्ष अन्वेषण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह मिशन न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देगा, बल्कि भविष्य के मानवयुक्त चंद्र अभियानों के लिए आवश्यक तकनीकों और डेटा का भी परीक्षण करेगा, जिससे अंतरिक्ष में मानवता की उपस्थिति को और सुदृढ़ किया जा सकेगा।
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